Page 38 - Here and Now – Apr 2024
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Kuch toot raha hai, kuch ban raha hai - My lab experience




                                                                                                        िं
                                                                          ु
                                                                            े
                                                  ु
                                                                                                      र
                                                                                                      े
                                            बात शऱू होती है 2019 में जब मझ प्रिय प्रशप्रिका से isabs की ट्प्र ग में
                                                                       े
                                                                                                े
                                                                                                          ु
                                                                                                        े
                                                   े
                                                                     ु
                                               जा  का िस्ताव प्रमला, मझ लख ऊ जा ा था और जा  से पहल मझ       े
                                                                                    े
                                                                                              ु
                                                                      िं
                                                          ू
                                                                                  ु
                                                  हीिं मालम था प्रक वहा क्या होगा, मझ लगा प्रक कछ  या सीख   े
                                                                           ें
                                                                                                          ु
                                                                             े
                                                      े
                                                               ु
                                                                                   े
                                                                                       िं
                                                  प्रमलगा  और कछ दोस्त प्रमलग ,जो मरी प्रजदगी से वर्षों से कहीिं गम
                                                                                               ू
                                                  हो गए थे और प्रज की कमी मैं बहुत ज्यादा  महसस प्रकया करती
                                                          ु
                                                                ु
                                                                      िं
                                                                              िं
                                                  थी, मैं खशी खशी वहा तक पहुची ,और वो प्रद  भी आ गया जब
                                                  र
                                                         ु
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                                                   े
                                                 ट्प्र ग शऱू हो गई
                                                 ु
                                                                                                   ै
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                                                                      े
                                                                           े
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                                              [शरुआत क े प्रबल्कल पहल पहल पररचय क े सत्र तक तो ये वसा ही कछ
                                                                             िं
                                            े
                                                                                                         ु
                                                                               े
                                          ै
                                                                   े
                लगा                      जस अन्य िप्रशिण हुआ करत हैं, पर 1 घट् क े भीतर अहसास हुआ प्रक कछ
                                                                         े
                                                                                                          े
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                                                                           े
                गड़बड़ है, और यहा क े िप्रशिकोिं को कोई रुप्रच  हीिं है िप्रशिण द  में, हम शायद 11 लोग थे एक कमर में
                                                                          ु
                                                         ै
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                          ै
                और उस लब का  ाम प्रदया गया था, हम सब हरा  थे प्रक   कोई कछ बोल रहा है   कोई कछ बता रहा है,
                  ै
                हरा ी ये प्रक ऐसा भी कोई िप्रशिण होता है क्या,   ही िप्रशिकोिं की ओर से कोई िप्रतप्रिया आ रही थी, वो
                                                                                         े
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                                             े
                कभी कभी बीच बीच में बोल दत थे प्रक कररए आप लोगोिं को जो भी कर ा है, हमार िप्रशिक गण में एक
                                 ु
                                                                        ै
                                                                               े
                                                                                       े
                मप्रहला और एक परुर्ष शाप्रमल थे ,बाद में पता चला प्रक उ को फप्रसप्रलट्ट्र कहत हैं
                     े
                                                                                    े
                                                                                                     ू
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                                                                                                         े
                हमार लब क े अलावा वहा 4 और लब थे, चाय या दोपहर क े भोज  पर प्रमलत तो आपस में यही पछत प्रक
                                                                                      ें
                                                        ु
                क्या चल रहा है, पर बात तो ये थी प्रक कहीिं कछ चल ही  हीिं रहा था ,सब सस्पस की तरह था, प्रकसी की
                         ु
                समझ में कछ  हीिं आ रहा था
                                          े
                                                                                ू
                                                                          े
                                                        िं
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                                                                                   े
                हमारा पररचय हुआ एक दसर से, प्रफर कछ हसी मजाक भी, पहल एक दसर पर भरोसा  हीिं था प्रफर हम
                                                                                                        िं
                                                                                       ै
                                                                                              े
                                ु
                अज बी से एक ग्रप में बदल गए,पर प्रफर भी ये समझ  हीिं थी प्रक हो क्या रहा है, फप्रसप्रलट्ट्र तो प्र प्रचत थे,
                                           ा
                                                                                                     ु
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                                                                                             े
                वो ग्रप क े प्रियाकलाप या वातालाप क े बीच में कभी कभी एक दो लाइ  बोल प्रदया करत थे प्रक ग्रप में हम
                                                                                                         ु
                                                                       ूा
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                कहा हैं और ग्रप क्या कर रहा है,  ा कोई प्रदशा थी   कोई फॉमला, समय बीत रहा था और एक प्रद  गजर
                                                                                  े
                                                                                                           े
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                जा  क े बाद थोड़ा डर भी लग  लगा था, जस कोई साइकोलॉप्रजकल एक्सपररमट् चल रहा हो और प्रजसक
                                      ू
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                बार में हम कछ  हीिं मालम हो, प्रकसी को  हीिं पता था प्रक आग क्या होगा
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                हम सब प्रबलकल अ जा  लोग एक समह में चपचाप बठ रहत, कभी कभी कोई कछ बोल  की पहल करत             े
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                तो फप्रसप्रलट्ट्र कहत प्रक पहल ये बताओ प्रक तम कहा हो ,तम्हारी भाव ा क्या है, क्या तम सच में वही कह
                                                ु
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                रह हो जो तम कह ा चाह रह हो, तम  ऐसा बोला उसका क्या कारण है, यहा और अभी क्या हुआ, कछ
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                                                                      े
                अप  बार में बताओ, जब कोई सदस्य कछ बोलता तो बोलत प्रक वो तो बाहर की बात है, here एड now,
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