Page 41 - Here and Now – Apr 2024
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अ सलझी बातोिं पर बात कर का फसला प्रकया, म पाया प्रक जीव से भागत भागत म बहुत कछ खो
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प्रदया है, और व्यथ की भागदौड़ में जो सबस कीमती चीज ष्ट हो रही है वो है समय, प्रजस हम जीव कहत े
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हैं वो दोबारा हीिं आएगा, और इस समझ ा बहुत जऱूरी है, दोराहोिं पर साहप्रसक फसल ल की जऱूरत
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है, अप आपको दबाकर जी से कहीिं बहतर है खलकर जी ा
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लब तो बस तट्ि था वो यात्रा में और च ाव में सबको जगाए हुए था,और लब 5 प्रद गजरत ही जस अचा क
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समाप्त हो गया, जस पड़ाव क े बीच ही सब खत्म हो गया और यात्रा अचा क समाप्त हो गई हो ,समास्थप्त क े
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पहल ही भीतर सब बदल गया, अब हम वो रह जो लब में आ से पहल थे,,,,,बदलाव में बहुत कछ हैं जो
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एक ही आलख में शब्दोिं में हीिं प्रपरोए जा सकत, म लब से आत ही अप प्रदल की आवाज को स ा शऱू
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प्रकया, म जस कोई ई यात्रा िारभ की हो , ये यात्रा धीर धीर चल रही है, पर लगता है जस लब जस मर े
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साथ चल रहा हो, मर इ फसलोिं में से एक है प्रक म बच्च को गोद ल क े प्रलए एप्लाई प्रकया और अप े
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इस फसल का स्वागत प्रकया, इसक प्रलए म प्रकसी पर प्र भरता हीिं प्रदखाई, कभी प्रकसी पररस्थिप्रत में
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कमजोर पड़ती हिं तो लगता है प्रक लब मर साथ खड़ा है, और मरी खशी का इतजार कर रहा है, ये आभासी
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सी लग वाली याद मझ साहस दती हैं, 2024 में मझ अप ी बट्ी प्रमल वाली है, शायद बहुत कछ बदल े
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वाला है, पर मर भीतर मरी खोज जारी है,और ये जारी रह वाली खोज मझ खद को तलाश में मरी मदद
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कर रही है, म अप ी कमजोररयोिं को भी समझा है, उ पर भी कछ कर ा है, सब एक साथ सभव हीिं पर
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बदलाव जारी है,कछ ट्ट् रहा है, कछ ब रहा है,भीतर ही भीतर। थक यू लब, मझ मझस प्रमलवा क े
प्रलए
Monika Sukhtel
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मोप्र का
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मरा ाम सकतल है, मैं मप्रहला एवम बाल प्रवकास पयविक े
काम
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पद पर करती हिं, हमशा ु या े रह ा े पश है, मैं खद
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मरा
सीखत
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मरा
जीव
को एक बहतर िं ब ा सक यही े और मर का उद्दश्य है, मरी
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की
प्रलए
तरह
लाइफ ज ी में isabs मर एक साथी की है जो ु े खद को
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मझ
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जा े और ु क करीब े मरी मदद करता है
रह
में
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